देश भक्ति
★ मनोरम छंद ★
वीर सैनिक, राष्ट्र प्रहरी।
जो विफल कर, चाल गहरी।।
शत्रुओं का, नाश करते।
शत्रुओं से, जो न डरते।।
सैनिकों की, वीरता पर।
और उनकी, धीरता पर।।
नाज़ करता, देश सारा।
देश के हैं, ये सहारा।।
निज घरों को, छोड़ आये।
शीत सहते, धूप खाये।।
किंतु देखो, उफ् न करते।
मुश्किलों से, ये न डरते।।
देश खातिर, प्राण देते।
शत्रुओं की, जान लेते।।
राष्ट्र गौरव, वीर सेना।
मान इनकों, खूब देना।।
जानती हैं, साथ देना।
हैं हमारी, मित्र सेना।।
हर हमेशा, साथ देती।
और कुछ भी, वो न लेती।।
★ श्लेष चन्द्राकर ★
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