माहिया छंद - श्लेष चन्द्राकर

((( माहिया छंद )))

(1)
आवाज उठाओ तुम,
जुल्म नही सहना,
जग को बतलाओ तुम |
(2)
हँसते मुस्काते हैं,
जीवन जीने का,
अंदाज सिखाते हैं |
(3)
तोड़े विश्वासों को,
ख्वाब दिखाते है,
समझे अहसासों को |

🌺 श्लेष चन्द्राकर 🌺

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