Posts

Showing posts from August, 2019

घनाक्षरी छंद - श्लेष चन्द्राकर

🏵 घनाक्षरी छंद 🏵 (1) राजनीति में भरें हैं, अपराधी लोग कुछ, जेल भेजकर उन्हें, सजा दिलवाइए। लिप्त होके घोटालों में, देश को ये लूट रहे, इनकें ठिकानों में भी, छापे पड़वाइए। धज्जियाँ ...

छत्तीसगढ़ी ताटंक छंद

∆ विषय - संगवारी ∆ ★ ताटंक ★ कदम-कदम मा जाल बिछाथे, बैरी हवय जमाना जी। संगी-साथी बिन मुसकुल हे, जिनगी इहाँ बिताना जी।। सुख-दुख मा अब संगी मन, बढ़िया साथ निभाथें गा। जब मुसकुल के बे...

छत्तीसगढ़ी कुकुभ छंद

★ कुकुभ छंद ★ पइसा वाला मनके चलथें, ये दुनिया मा अब भाई। दीनहीन के कोन सुनइया, जिनगी उनकर दुखदाई।। कोट कछेरी जावत रहिथे, फरियादी घेरीबेरी। न्याय मिलय नइ कभू समय मा, होथे काबर ...