घनाक्षरी छंद - श्लेष चन्द्राकर

🏵 घनाक्षरी छंद 🏵
(1)
राजनीति में भरें हैं, अपराधी लोग कुछ,
जेल भेजकर उन्हें, सजा दिलवाइए।

लिप्त होके घोटालों में, देश को ये लूट रहे,
इनकें ठिकानों में भी, छापे पड़वाइए।

धज्जियाँ उड़ाते नित, नियम व कानून की,
सही राह लाने हेतु, डंडे बरसाइए।

दोषी चाहे कोई रहे, बचके न भाग सके,
देश में कठोर ऐसा, कानून बनाइए।
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
(2)
घूसखोर भ्रष्टाचारी, पनप रहे हैं यहाँ,
ऐसे इंसानों से अब, देश को बचाइए।

हक मार जनता का, जेब भरे अपनी जो,
ऐसे जन को पकड़, सबक सिखाइए।

सरकारी साधनों का, दुरुपयोग करते,
भ्रष्ट अधिकारियों को, पद से हटाइए।

सीधे मिले जनता को, लाभ योजनाओं का जी,
सरकारी तंत्र को यूँ, तगड़ा बनाइए।।
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
(3)
सुबह से दिख रही मंदिरों में भीड़ अति,
आज कृष्ण जन्माष्टमी मना रहा देश हैं।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण जप रहे नाम सभी,
चहुँओर भक्तिमय आज परिवेश हैं।

गाँव-गाँव नगर-नगर आज शुभ दिवस में,
बच्चें बालगोपाल का धर रहे वेश हैं।

जीवन अपना जियो आप कन्हैया जैसे,
भक्तगण सबको ये दे रहे संदेश हैं।
🌷 श्लेष चन्द्राकर 💐
(4)
¤ घनाक्षरी छंद ¤
सीज फायर नित ही, तोड़ता है पाकिस्तान,
कठोर जवाब देके, सबक सिखाइए।

सीमाओं के आसपास, उधम मचाते नित,
दुष्ट पाकी सैनिकों के, बंकर उड़ाइए।

आतंकियों को पालता, घुसपैठ करवाता,
पोल खोलने उसकी, सबूत जुटाइए।

नहीं विश्वास लायक, तनिक भी पाकिस्तान
जोर-शोर से ये बात, जग को बताइए।

श्लेष चन्द्राकर,
महासमुन्द (छत्तीसगढ़)

Comments

Popular posts from this blog

मनहरण घनाक्षरी (छत्तीसगढ़ी) - श्लेष चन्द्राकर

छत्तीसगढ़ी दोहे - श्लेष चन्द्राकर

मंदारमाला सवैया (छत्तीसगढ़ी)- श्लेष चन्द्राकर