गीत... श्लेष चन्द्राकर के...
(1) गीत
बँट न जाए देश दोबारा ।
कायम रखना भाईचारा ।।
नव पीढ़ी को मत भड़काओ ।
मानवता का धर्म सिखाओ ।।
दीनहीन का बनो सहारा ।
कायम रखना भाईचारा ।।
आपस में अब लड़ना छोड़ों ।
प्रेम-भाव से नाता जोड़ों ।।
मत तोड़ों विश्वास हमारा ।
कायम रखना भाईचारा ।।
हमें मानती दुनिया सारी ।
सज्जनता पहचान हमारी ।।
विश्व शांति हो अपना नारा ।
कायम रखना भाईचारा ।।
मिलजुलकर यह देश सँवारे ।
सुखमय जीवन सभी गुजारे ।।
देश बनेगा भारत प्यारा ।
कायम रखना भाईचारा ।।
(2)
खड़े हैं साथ उनके हम हमेशा ये बताना हैं।
हमारे सैनिकों का हौसला हमको बढ़ाना हैं।
हमारे देश में आतंक का जो बीज बोएंगे।
बचेंगे वो नहीं अपनी ख़ता पर खूब रोएंगे।
हमें जो तोड़ना चाहें हमें उनको मिटाना हैं।
हमारे सैनिकों का हौसला हमको बढ़ाना हैं।
हमें मालूम है यह देश में गद्दार भी रहते।
हमारे दुश्मनों को जो यहाँ हैं ठीक वे कहते।
उन्हें अब ढूंढ़कर यारों यहाँ से अब भगाना हैं।
हमारे सैनिकों का हौसला हमको बढ़ाना हैं।
हमारे वास्ते सैनिक डटे हैं छोड़ अपना घर।
खड़े हैं देश की खातिर हमारे वीर सीमा पर।
हमारी एकता की शक्ति दुश्मन को दिखाना हैं।
हमारे सैनिकों का हौसला हमको बढ़ाना हैं।
*श्लेष चन्द्राकर*
गीत
खुशियों की बारिश जग में फिर से लाना।
गणपति बप्पा अगले साल पुनः आना।।
मंगल मूरत रूप तुम्हारा है भाता।
देख जिसे सबका मन हल्का हो जाता।।
भू पर आ निज भक्तों के कष्ट मिटाना।
गणपति बप्पा अगले साल पुनः आना।
बच्चों के तुम हो प्यारे मित्र गणेशा।
करते रहते वे तुमको याद हमेशा।।
लीला उनको दिखलाकर खूब हँसाना।
गणपति बप्पा अगले साल पुनः आना।।
पाप जगत में निश दिन बढ़ता रहता है।
बेबस हो इंसान जिसे नित सहता है।।
हे गौरीनंदन सबको न्याय दिलाना।
गणपति बप्पा अगले साल पुनः आना।।
आपस में लड़ते रहते हैं लोग यहाँ।
पाले बैठें सब मतलब का रोग यहाँ।।
मानवता का जन-जन को पाठ पढ़ाना।
गणपति बप्पा अगले साल पुनः आना।।
श्लेष चन्द्राकर
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