हिन्दी उल्लाला
इस जग में सबसे अलग, माँ का उजला रूप है।
किरण एक उम्मीद की, माँ तो खिलती धूप है।।
रखती वसुधा की तरह, वह तो हृदय विसाल है।
सहनशीलता मातु की, जग में एक मिसाल है।।
करें एक व्यवहार है, खोट न उसके प्यार में।
पानी जैसा साफ है, माँ का दिल संसार में।।
माँ भी नदिया की तरह, होती जीवन दायनी।
उसका ऊँचा स्थान तो, जग में होना लाजमी।।
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