चौपई

☘ चौपई छंद ☘
मिथ्या की होती है हार।
सत्य विजय का है आधार।।

फल की मत करिए परवाह।
सदा सत्य की चलिए राह।।

जुडें आप से लोग अनेक।
काम कीजिए ऐसा नेक।।

निष्ठा से करिए निज काज।
फिर देगा सम्मान समाज।।

जग लेता है उसका नाम।
जो करता है अच्छा काम।।
☘ श्लेष चन्द्राकर ☘

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